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Renault की आगामी कार डिज़ाइनों में भारत की भूमिका

रेनो ने भारत में अपने भविष्य के मॉडलों के डिज़ाइन में भारतीय भूमिका को और अधिक महत्वपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

हाल ही में चेन्नई में उद्घाटित हुआ नया Renault Design Centre इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रेनो के डिज़ाइन प्रयासों को सशक्त करेगा।

भारत में डिज़ाइन केंद्र का उद्घाटन

22 अप्रैल 2025 को चेन्नई में रेनो ने अपने नए डिज़ाइन सेंटर का उद्घाटन किया, जो फ्रांस के बाहर रेनो का सबसे बड़ा डिज़ाइन सेंटर है।

यह सेंटर Renault-Nissan Technology & Business Centre India (RNTBCI) के परिसर में स्थित है और अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जिसमें वर्चुअल रियलिटी, इमर्सिव डिस्प्ले और सहयोगात्मक कार्यक्षेत्र शामिल हैं।

‘Renault. Rethink’ रणनीति

रेनो ने भारत में अपनी नई रणनीति ‘renault. rethink’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारतीय बाजार के लिए डिज़ाइन इन इंडिया दृष्टिकोण को अपनाना है।

इस रणनीति के तहत, कंपनी अगले दो वर्षों में भारत में डिज़ाइन और निर्मित पांच नए मॉडलों को लॉन्च करने की योजना बना रही है।

स्थानीयकरण और नवाचार पर जोर

The Role India Will Play in Renault’s Upcoming Car Designs

रेनो के मुख्य डिज़ाइन अधिकारी, लॉरेन्स वैन डेन एकर ने कहा, “हम भारत के लिए मोबिलिटी समाधान विकसित करना चाहते हैं, भारतीय संसाधनों, स्थानीय प्रतिभा का उपयोग करते हुए, स्थानीय रूप से उत्पादन और निर्माण करते हुए।

” यह दृष्टिकोण न केवल भारतीय बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रेनो के उत्पादों को समृद्ध करेगा।EVO India

भविष्य की योजनाएं

रेनो की योजना है कि वह 2027 तक भारत में पांच नए मॉडलों को लॉन्च करे, जिसमें दो नई पीढ़ी के मॉडल, दो नए एसयूवी और एक इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।

कंपनी का लक्ष्य है कि वह भारतीय यात्री वाहन बाजार में 5% हिस्सेदारी हासिल करे, विशेष रूप से A, B+ और C SUV सेगमेंट में।

निष्कर्ष

रेनो का भारत में डिज़ाइन केंद्र खोलना और ‘renault. rethink’ रणनीति अपनाना भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल स्थानीय प्रतिभा को वैश्विक मंच पर लाने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि भारत को रेनो के वैश्विक डिज़ाइन नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण स्थान भी देगा।

इससे भारतीय उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पाद प्राप्त होंगे और भारत ऑटोमोबाइल डिज़ाइन के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।

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